Raghav Writing Solutions Poetry,Competition पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “चंपा यादव” द्वारा लिखित कविता “नैना बैरी…..”

पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “चंपा यादव” द्वारा लिखित कविता “नैना बैरी…..”


नैना बैरी champa yadav raghav writing solutions

कविता शीर्षक – नैना बैरी….

नैना बैरी रे …..
नित दिन ढूँढे अपने श्याम को।

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         रास ना आवे मोहे, 
         जग के सुहावने मंजर रे।

घन-घन बादल गरजे,
धक-धक मोरा जीया धड़के रे।

        कहाँ ढूँढे तोहे मोरे श्याम रे !
        बरखा बाहारों में, या गोधूलि बेला में।

सारे नीरस से तकते हैं मोहे रे ,
ना साँवली रंग झलके, ना मोहिनी रूप दिखे।

         नैना बैरी रे .....
         नित दिन ढूँढे अपने श्याम को।

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क्यों तोहे …..
याद ना आवे मोरी बतिया रे।

         क्यों तू देख ना पावे, 
         मोरी अश्कों की धार रे....।

श्याम ना आवेगा ,
अब तू मान जा मोरे जियरा रे….!!

चंपा यादव (champa yadav)

Disclaimer : उपरोक्त कविता लेखिका “चंपा यादव” द्वारा लिखी गई है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। हमें आशा है कि आपको यह कविता पसंद आएगी। कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह कविता कैसी लगी….!

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