Raghav Writing Solutions Poetry Raghav Writing Solutions : पढ़िए….भारत के मशहूर हास्य कवि “हुल्लड़ मुरादाबादी” की 1 कविता “भारतीय रेल….!”

Raghav Writing Solutions : पढ़िए….भारत के मशहूर हास्य कवि “हुल्लड़ मुरादाबादी” की 1 कविता “भारतीय रेल….!”


Hullad Moradabadi (हुल्लड़ मुरादाबादी) Raghav Writing Solutions

Raghav Writing Solutions : कविता शीर्षक – भारतीय रेल

एक बार हमें करनी पड़ी रेल की यात्रा,

Raghav Writing Solutions : Eminent Developer

देख सवारियों की मात्रा।

पसीने लगे छूटने,

हम घर की तरफ़ लगे फूटने।।

इतने में एक कुली आया,

और हमसे फ़रमाया।

साहब अंदर जाना है?

हमने कहा हां भाई जाना है।

उसने कहा अंदर तो पंहुचा दूंगा,

पर रुपये पूरे पचास लूंगा।

हमने कहा समान नहीं केवल हम हैं,

तो उसने कहा क्या आप किसी सामान से कम हैं?

जैसे तैसे डिब्बे के अंदर पहुचें,

यहां का दृश्य तो ओर भी घमासान था।

पूरा का पूरा डिब्बा अपने आप में एक हिंदुस्तान था,

कोई सीट पर बैठा था, कोई खड़ा था।

जिसे खड़े होने की भी जगह नही मिली,

 वो सीट के नीचे पड़ा था।।

Read More : पढ़िए…. प्रसिद्ध भारतीय साहित्यकार “श्री गोपालदास ‘नीरज’” द्वारा रचित कविता ” मुस्कुराकर चल मुसाफिर “

इतने में एक बोरा उछालकर आया,

और गंजे के सर से टकराया।

गंजा चिल्लाया यह किसका बोरा है?

बाजू वाला बोला,

 इसमें तो बारह साल का छोरा है।।

तभी कुछ आवाज़ हुई और,

इतने मैं एक बोला… चली चली

दूसरा बोला या अली।

हमने कहा काहे की अली काहे की बलि,

ट्रेन तो बगल वाली चली।।

हुल्लड़ मुरादाबादी

अस्वीकृति :- उपरोक्त कविता भारत के मशहूर हास्य कवि “Hullad Moradabadi (हुल्लड़ मुरादाबादी)” द्वारा लिखित है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। किसी भी प्रकार की साहित्यिक चोरी के लिए संस्था एवं पदाधिकारी का कोई दोष नहीं हैं। हमारा प्रिय पाठकों से अनुरोध है कि कृप्या हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह रचना कैसी लगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *