“प्रतिशोध…..”
बिहार के मैसूर जिले का बेताज बादशाह आस्तिक ठाकुर जिसे बचपन से अपने पापा के दाहिने हाथ यानी की वीरेंद्र ठाकुर की बेटी को हासिल करना उसका जुनून और कसक बना हुआ था। पर वही भोली भाली वान्या जिसे उसके पापा वीरेंद्र ठाकुर ने अपनी बेटी से ज्यादा उसे अपना फर्ज माना था। जिस वजह से आस्तिक ने वीरेंद्र ठाकुर को अपने एहसानो का बई खाता याद दिलाते हुए वान्या का हाथ मांगा!! विरेंद्र ठाकुर ने भीं बीना किसी शिकायत के आस्तिक को वान्या का हाथ देने का फैसला किया पर उन्होने आस्तिक को वान्या के 21 साल पूरे होने के बाद शादी करने का निवेदन किया। आस्तिक ने विरेंद्र ठाकुर की बात मान ली पर वो हरवक्त वान्या पर अपनी नज़र बनाएं रखता। वही वान्या 12th के बाद आगे पढ़ना चाहती थी पर आस्तिक ने उसे डरा धमका कर उसकी पढ़ाई को वही रोकना चाहा पर उसके पापा सूरज ठाकुर के कहने पर उसे वान्या को आगे पढ़ने दिया। पर शायद वान्या की नियति कुछ और ही चाहती थी।
Read More : पढ़िए….. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “कल्पना शर्मा” द्वारा लिखित कहानी……!
आस्तिक का जान से भीं प्यारा भाई अर्चित्य ठाकुर अपनी पढ़ाई पुरी कर पूरे 8 साल बाद मैसूर वापस लौटता है। अर्चित्य और वान्या बचपन से दोस्त थे। पर आस्तिक को उनकी दोस्ती बिलकुल भी पसंद नहीं थी जिस वजह से अगर कभी आस्तिक ने वान्या को अर्चित्या से बात करते देख लिया तो वान्या को बर्फ के पानी से भरे झरने के निचे पूरी रात खड़ा रखता था। अर्चित्य भी अपने भाई आस्तिक के इस रवैए को अच्छी तरह जानता था जिस वजह से उसे वान्या के लिए बहुत बुरा लगता था पर वो अपने भाई को कुछ बोल भी नहीं सकता था क्यूंकि अब तक उसकी कोई पहचान नही थी।और अर्चित्य वान्या से बचपन से प्यार करता था। जिस वजह से वो वान्या के साथ गलत होते हुए भीं नही देख सकता था। इसलिए अर्चित्य ने आस्तिक के सारे कारनामों को सूरज ठाकुर के सामने उजागर कर दिया जिससे सूरज ठाकुर वान्या की शादी आस्तिक से ना करा कर अर्चित्य से करने का फैसला करते हैं। जिसे सुन आस्तिक बौखला जाता हैं और सूरज ठाकुर से बगावत कर घर छोड़ कर चला जाता हैं, आस्तिक कई बार अर्चित्य को मारने की कोशिश करता है पर वो उसमे कामियब नही हो पता जिस वजह से थक हार कर वो वान्या को अर्चितय को जान से मारने की धमकी दे कर जबर दस्ती शादी करता हैं।
जब से सूरज ठाकुर ने उसकी शादी अर्चित्य से करने का फैसला किया था तब से अर्चित्य की केयर और फिक्र को देख वान्या को भीं अर्चित्य से प्यार हो गया था। जिस वजह से उसे मजबूरी में अर्चित्य की जिंदगी के लिए आस्तिक से शादी करनी पड़ी। वही वान्या के आस्तिक से शादी कर लेने से पूरा परिवार उससे दूर हो गया वही आस्तिक वान्या को खुदको इग्नोर करता या बात ना करता देख हमेशा सजा दिया करता। क्या कभी पन पायेगा वान्या के दिल में आस्तिक के लिए प्यार या वापस ले जायेगा वान्या का प्यार उसे अपने पास!!