Raghav Writing Solutions Competition पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “मनोरमा पंत” द्वारा लिखित कविता “कविता भटक रही है……”

पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “मनोरमा पंत” द्वारा लिखित कविता “कविता भटक रही है……”


मनोरमा पंत manorama pant raghav writing solutions

कविता शीर्षक – कविता भटक रही है

जिन्दगी की खोज में
भटक रही है कविता ,
दुखों के काँटों में अटक
कर रह गई है कविता ,
पीर के पहाड़ों पर चढ
चढ थक गई कविता

Raghav Writing Solutions : Eminent Developer

जानती है वह ,अभी हवाऐं
गमगीन है ,
मोहब्बत के सुहाने तराने
ठीक नहीं
पर ?
कलकल बहता झरना है
वह,
गतिमान प्राणदायी पवन है

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वह,
कहती है –
मन में बहता है
उम्मीदों का दरिया ,
उसमें तो बहने दो ,
आशा और विश्वास की
किरण बनने दो ,
चाहती है वह-
उसके शब्द-स्वर
करूण उर की सीपी पर
स्वाति जल से बरसे ,
मणि कणिका सी बन
निराश मन पर चमके
कहती है कवि से-

आस्था के विशालआकाश
में कवि ,
इन्द्रधनुष सा तान दो मुझे ,
सुख की नन्हीं चिरैया बना ,
वहीं कहीं उड़ा दो ,

मनोरमा पंत

Disclaimer – उपरोक्त रचना लेखिका “मनोरमा पंत” द्वारा लिखी गई है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। हमें आशा है कि आपको यह रचना पसंद आएगी। कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह रचना कैसी लगी….!

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