Raghav Writing Solutions Poetry,Competition पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “पारुल बंसल” द्वारा लिखित कविता “मंत्रोच्चार…..”

पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “पारुल बंसल” द्वारा लिखित कविता “मंत्रोच्चार…..”


मंत्रोच्चार parul bansal raghav writing solutions

कविता शीर्षक – मंत्रोच्चार

मुझे लगता है मेरे नित्य मंत्रोच्चार की
मोटी परत शिवालय पर चढ़ गई है
मंत्रों के तीव्र स्वर में अभिव्यंजना करते-करते
जिह्वा विराम चाहती है क्योंकि भोलेनाथ
उस जटिल परत के नीचे घनघनाते स्वरों को
उपेक्षा की नाव में मंझधार में छोड़ चुके हैं….

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अतः निर्णय यह लेती हूॅं कि
कुछ दिन मंत्रोच्चार की प्रक्रिया को रोक दिया जाए
जिससे मोटी ,जमी परत को दरकने का
भरपूर समय मिलेगा और मेरी गुहार का रास्ता
भोलेनाथ के श्रवण मार्ग तक पहुॅंचने का
साफ हो जाएगा और उन मंत्रों की गूंज को
कोने में पड़े -पड़े केतकी और कनेर के फूल
सुन -सुनकर चढ़ाने योग्य हो जाएंगे
क्योंकि ईशकथा का श्रवण करने से
सारे श्राप और पाप धुल जाते हैं……

पारुल हर्ष बंसल
कासगंज उत्तर प्रदेश

Disclaimer : उपरोक्त कविता लेखिका “पारुल बंसल (parul bansal)” द्वारा लिखी गई है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। हमें आशा है कि आपको यह कविता पसंद आएगी। कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह कविता कैसी लगी….!

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