Raghav Writing Solutions Competition Raghav Writing Solutions : पढ़िए…… राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “आरती खंडेलवाल” द्वारा लिखित कहानी “सहयोग – एक निवेश…..!”

Raghav Writing Solutions : पढ़िए…… राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 की प्रतिभागी “आरती खंडेलवाल” द्वारा लिखित कहानी “सहयोग – एक निवेश…..!”


आरती खंडेलवाल aarti khandelwal raghav writing solutions

कहानी शीर्षक – “सहयोग एक निवेश”

Raghav Writing Solutions : बात उन दिनों की है जब भारती अपनी बीमारी के इलाज के लिए हरदा के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती हुई थी। यहां हरदा में उसकी एक सहेली आरती भी रहती थी। जब आरती को यह बात पता चली कि उसकी प्यारी सहेली भारती हरदा नर्सिंग होम में भर्ती है ।तो वह अपने आप को रोक न सकी। और उसके कदम वर्ष चढे उसी नर्सिंग होम की ओर जहां उसकी सहेली भारती भर्ती थी।

रास्ते में आरती सोचने लगी कि हमें मिले तो काफी दिन हो चुके हैं। कहीं ऐसा ना हो कि भारती उसे पहचाने ही नहीं ।णतभी रास्ते में ही उसे नारियल पानी बेचता हुआ एक बालक दिखाई दिया ।तो उसने सोचा कि मैं गुलदस्ता क्या ले जाऊं मैं तो नारियल पानी ही ले जाती हूं ।यह मरीज पर गुलदस्ते से भी ज्यादा प्रभाव डालेगा। यह सोच उसने भारती के लिए दो नारियल पानी ले लिए तभी वह बच्चा बोला आंटी आप दो और अपने बच्चे दादी दादा के लिए ले लीजिए में और सस्ता लगा दूंगा।

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बच्चे की इस मासूमियत भरे अंदाज को आरती नकारना पाई ।और उसने चार नारियल पानी और ले लिए। और वह नर्सिंग होम पहुंच गई। जब वह भारती के कमरे में पहुंची तो भारती तो उसे देख कर खुश होकर ऐसे लिपट गई जैसे उसकी आंखें यहां आरती को खोजने ही आई थी। आरती को देखकर और बचपन की यादें ताजा कर वह आधी ठीक तो हो ही गई थी। तभी आरती ने कहा लो भारती में तुम्हारे लिए नारियल पानी लाई हु।यह कहकर उसने नारियल पानी में स्टीक डाली और भारती को पिलाने लगी।


वही उसी कक्ष में 5 साल का एक बालक और भी भर्ती था ।वह दो-तीन दिन से कुछ खा ही नहीं रहा था। इसलिए दवाइयां भी उस पर लागू नहीं हो पा रही थी। जब उस बच्चे ने स्टिक से भारती को नारियल पानी पीते देखा तो वह भी उसकी मां से कहने लगा कि मुझे भी ऐसे ही स्टीक से ठंडा ठंडा यह नारियल पानी पीना है ।उस समय उस बच्चे के पापा वहां मौजूद नहीं थे ।बच्चे की पानी पीने की इच्छा सुनकर मां बड़ी खुश हो गई। और बच्चे को कहने लगी कि तुम्हारे पापा आते ही होंगे पर बच्चा मचल गया।

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तभी आरती को याद आया कि अभी उसके पास दो नारियल पानी और है। तो वह उस बच्चे को अपने पास बुलाती है। और उसे गोद में बैठाकर नारियल पानी पिला देती है ।बच्चे को नारियल पानी से ज्यादा मजा उसे स्टिक से पीने के कारण आ रहा था। एक नारियल पानी पीने के बाद आरती ने कहा अभी तो एक और है तो बच्चा वह भी पीने को राजी हो गया ।और वह पानी पीकर को दवा लेकर आराम से खेलने लगा उसमें भी थोड़ा सा सुधार दिखने लगा।


इतने में ही भारती का बेटा विशाल आया और कहने लगा मां बड़ी मुश्किल से अब जाकर अपन को एक प्राइवेट कमरा मिला है। अपन वहां शिफ्ट हो जाते हैं ।सुबह से ही बड़ी परेशानी हो रही है ।तो वह बालक बोला कि आप प्राइवेट रूम में होते तो या आंटी मुझे मिलती ही नहीं और नारियल पानी पिलाती भी नहीं और मैं खेलता भी नहीं। उसके इतना कहते ही सब खिलखिला कर हंस पड़ी और कहने लगे हां वाकई बच्चा सही बोल रहा है जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है।


इतने में ही उस बालक के पिताजी भी वहां आ गए ।उन्होंने बच्चे को हंसते खेलते देखा तो वहां भी बड़े खुश हो गए ।तभी उस बच्चे की मां बोली कि यह आरती जी ने दो नारियल पानी लाई थी। वह बच्चे ने उनकी गोद में बैठकर बड़े मस्त हो कर पी लिया और जब से ही खेल रहा है।


तो बालक के पिता जी आरती को धन्यवाद देते हुए नारियल पानी के रूपये देने लगे।
तब आरती ने कहा “सही समय पर कि गई सहायता ही जीवन का सही निवेश है।”
आप भी यह राशी कही सही जगह ही दिजीए और जब भी किसी को आपकी आवश्यकता पडे तो चुकीए नही।
और मै आपका धन्यवाद भी आपको वापस करती हु। इस आशा के साथ कि आप भी किसी अन्य की सहायता अवश्य करेगे।यह कडी टुटनी नही चाहिए। 🙏🙏

आरती खंडेलवाल

Disclaimer – उपरोक्त रचना लेखिका “आरती खंडेलवाल” द्वारा लिखी गई है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। हमें आशा है कि आपको यह रचना पसंद आएगी। कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह रचना कैसी लगी….!

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