Raghav Writing Solutions Poetry Raghav Writing Solutions : पढ़िए…. हिन्दी साहित्य विशेष 2023 में  “श्रीमती अवनीत कौर दीपाली” की कविता “नारी मन”….!

Raghav Writing Solutions : पढ़िए…. हिन्दी साहित्य विशेष 2023 में  “श्रीमती अवनीत कौर दीपाली” की कविता “नारी मन”….!


Raghav Writing Solutions : पढ़िए.... हिन्दी साहित्य विशेष में  "श्रीमती अवनीत कौर दीपाली" की 1 कविता "नारी मन"....!

कविता शीर्षक – नारी मन…!

क्यों कहते हैं,

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नारी मन को समझ कोई ना पाया

नारी मन अनमोल रत्न,

जिसको कितनों ने छल से है चुराया।

उस मन के एहसास करें यत्न,

उन यत्नों पर खरा कोई ना उतर पाया।

मन पंख लगा उड़ना चाहता है

 पर,पंख ना कोई दे पाया

कतर-कतर कर इन पंखों को वश जाल बनाया,

नारी मन को सीमित कुंडल पहनाया।

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भूरि-भूरि प्यार पनपता

अनुराग मन,प्रेम को तरसता

प्रीत जकड़ की जंजीरों में

नारी मन,मुक्त तन सरल प्रेम नारी मन की विशालता कहलाया।

नारी मन त्याग का सरोवर

उदारता इस मन का घर

समर्पण का लगाकर महावर

कूटरीति की अग्न में पाँव रही हैं धर

तानों की ज्वाला में झुलस रही हैं मर।

नारी मन के भेद को

 समझ कोई न पाया

रिश्तो को निभाने की खातिर खुद का अस्तित्व गवाया।

अवनीत कौर दीपाली

अस्वीकृति :- उपरोक्त रचना ” श्रीमती अवनीत कौर दीपाली ”  द्वारा लिखित है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। किसी भी प्रकार की साहित्यिक चोरी के लिए संस्था (Raghav Writing Solutions) एवं पदाधिकारी का कोई दोष नहीं हैं। हमारा प्रिय पाठकों से अनुरोध है कि कृप्या हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह रचना कैसी लगी।

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