कविता शीर्षक – एहसास…!
मन में ये एहसास न होता ,
तो कितना अच्छा होता ।
न आते आँसू और न दर्द होता , तो कितना अच्छा होता ।
मतलब कि इस दुनिया में ,
मतलबि न होते कितना अच्छा होता ।
न लड़ते भाई-भाई आपस में ,
तो कितना अच्छा होता ।
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न होती लड़ाई परिवार में ,
तो कितना अच्छा होता ।
न होता ऊँच-निच का भेद मन में , तो कितना अच्छा होता ।
साथ मिलकर सब हँसते गाते, तो कितना अच्छा होता ।
न होता यहाँ अमीर कोई और न कोई ग़रीब कहलाता ,तो कितना अच्छा होता ।
आँखो में होता सम्मान सब के लिए और भूखा न कोई सोता , तो कितना अच्छा होता ।
मन में ये एहसास न होता ,
तो कितना अच्छा होता ।
न आते आँसू और न दर्द होता , तो कितना अच्छा होता ।