Raghav Writing Solutions : कविता शीर्षक – वन्दे मातरम्
वंदे मातरम्
सासों की माला है जब-तक
सासों में जब-तक है दम |
सिंधु – सुरसरि की भूमि में
जपे मन – वंदे मातरम् , वंदे मातरम् ||
वंदे मातरम् का अर्थ यही है,
“माता मैं करता वंदन तुम्हारा” |
राष्ट्रीय स्वतंत्रता का सूचक है ये
वंदे मातरम् गीत हमारा ||
समय था जब स्वतंत्रता का
बलिदानी में संचार किया था |
देश भक्ति और शक्ति को
लोगों ने स्वीकार किया था ||
वंदे मातरम् के “दो शब्दों” ने
देश भक्तों में प्राण फूंक दिये थे |
भड़की “दो शब्द “ज्वाला बनकर
गोरो की राहें रोक दिये थे ||
स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों का
यह गीत पवित्र मंत्र बना |
मातृ -भूमि को सुजलाम् -सुफलाम्
बनाने का एकतंत्र बना ||
भारत का नया संविधान बना
वंदे मातरम् शान बना |
गीत जो बना प्रेरणा का श्रोत
कालजयी एक गीत बना ||
राष्ट्रीय चिन्ह का गौरव बढ़ाया
देश के लोगों ने इसे अपनाया |
देश को दिया आत्मसम्मान
यह गीत बना देश की शान ||
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में
गाया गया ये गीत प्रथम |
“दो शब्दों “का रहा प्रभाव
वंदे मातरम् – वंदे मातरम् ||
मातृ भूमि की भावना को
प्रज्वलित किये कितने मशाल |
कई पीढियाँ बीत गयी
“दो शब्दों “का रहा प्रभाव कमाल ||
करे मातृ भूमि की वंदना हम
झुके शिश श्रद्धा से , आँखें हो नम् |
रोम रोम से स्वर यही निकले
वंदे मातरम् वंदे मातरम् ||
राष्ट्रीय प्रेम का गीत है ये
भारतीय धरा की संस्कृत है ये |
एकता और अखंडता का प्रतीक है ये
मिटे ना दिल से जो प्रीत है ये ||
हर समुदाए का गीत है धरोहर
विश्व के सभी प्रेमों से बढ़कर |
हर विवधता में एकता को दर्शाता
“दो शब्दों “से सशक्त राष्ट्र बनाता ||
अजर-अमर रहे तिरंगे की शान
शौर्य पराक्रम इसका मान ||
“दो शब्दों” के गीत पर
कितने बलिदानी हो गए बलिदान ||
करे वंदना मातृ भूमि की
हमसब भारतीय भारत हमारा घर |
कोई जाती कोई हो बंधन
एक सूत्र में बंधे नारी और नर ||
ये गीत गुणों का सागर है
इसकी हर पंक्ति महान |
अपने में गुढ़-रहस्य समेटे
आओ करे इसका गुण-गान ||
हर चौराहा हर गालियाँ गूजें
वंदे मातरम् वंदे मातरम् ,
हर फूल हर कलियाँ गूंजे
वंदे मातरम् वंदे मातरम् ,
कई पीढियाँ बीत जाएंगी
कहते वंदे मातरम् वंदे मातरम् ||
खुद से लें हम आज संकल्प
रखे हाथ छाती पे और आँखें हो नम ||
राह में आए कोई भी अडचन
जपे हमेशा वंदे मातरम् वंदे मातरम् ||