Raghav Writing Solutions Poetry,Competition पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 के प्रतिभागी “सुशील कुमार पाण्डेय” द्वारा लिखित कविता “नारी का महत्व…..”

पढ़िए…. राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता 2022 के प्रतिभागी “सुशील कुमार पाण्डेय” द्वारा लिखित कविता “नारी का महत्व…..”


नारी का महत्व sushil kumar pandey raghav writing solutions

कविता शीर्षक – नारी का महत्व

हे नारी स्वयं की पहचान करो तुम,,
हर रूप तुम्हारा सुन्दर है,
संस्कारों की खान हो तुम,,
प्रेम, दया, करुणा, और सर्वज्ञान से परिपूर्ण हो तुम,,
ममता, वात् सल्य से भरपूर हो तुम,,
प्रेम की परिभाषा हो तुम,,
तुम ही जननी माता हो तुम,
शक्ति का स्वरुप हो तुम,
नव जीवों में स्वास हो तुम,,
हे नारी स्वयं की पहचान करो तुम,,
उठा जहाँ तलवार बनी थी,
वो झाँसी की लक्ष्मीबाई,,
फिर क्यों उसी धरा पर है,
आज की नारी मुरझाई हुई सी,
करो याद उस नारी को तुम,
जो देश में लाई आंधी थी,
पहली मुखिया बन कर वो देश की,
श्रीमती इंदिरा गाँधी कहलाई थी,,
हे नारी स्वयं की पहचान करो तुम,
सृस्टि की रचनाकार हो तुम,,
हुए बहोत है जुल्म है तुम पर,
और हुए आघात बहोत है,,
कब तक सहोगी अत्याचार यूँ तुम,
कब तक रहोगी डरी सहमी सी तुम,,

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जज्बा तुम में बहोत बड़ा है,
हिम्मत साहस तुम में भरा है,,
अब तक तुमने बहोत सहा है,
मिला नहीं कभी बराबर का मान है,,
हे नारी स्वयं की पहचान करो तुम,,
देश का गौरव अभिमान हो तुम,,
नारी बिन बनता नहीं कभी सुखी एक परिवार,
नारी कोमल फूल है,
नारी दुर्गा अवतार,,
नारी जग का मूल है नारी जग अवतार,,
नारी माता, बहन, के हर रूप से है संसार,,
नारी को सम्मान दो यही उसका अधिकार,,
हे नारी स्वयं की पहचान करो तुम,
सर्व गुणों से परिपूर्ण हो तुम,,
नवजीवों को जन्म देकर करती हो जगविस्तार तुम,
नारी माता रूप में हो ईश्वर का अवतार तुम,,
हर रिश्तों में प्राण हो तुम, मर्यादा,
संस्कारों की पहचान हो तुम,,
सत्य मार्ग पर हो चलने वाली तुम,
जीवन पथ हो प्रदर्शित करने वाली तुम,,
हे नारी स्वयं की पहचान करो तुम,
सृष्टि का आधार हो तुम,,

🙏🙏🙏संदेश-समस्त नारी शक्ति को समर्पित,, तथा सभी जन से निवेदन-करो सभी नारी का सम्मान वरना कहलाओगे इंसा पशु समान,, 🙏जय हिन्द जय भारत 🙏

सुशील कुमार पाण्डेय (sushil kumar pandey)

Disclaimer : उपरोक्त कविता लेखक “सुशील कुमार पाण्डेय” द्वारा लिखी गई है, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। हमें आशा है कि आपको यह कविता पसंद आएगी। कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताएं कि आपको यह कविता कैसी लगी….!

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